Wednesday, January 11, 2012

इन्द्र जिमि जंभपर , वाडव सुअंभपर |
रावन सदंभपर , रघुकुल राज है || 1 ||

पौन बरिबाहपर , संभु रतिनाहपर |
ज्यो सहसबाहपर , राम द्विजराज है || 2 ||

दावा द्रुमदंडपर , चीता मृगझुंडपर |
भूषण वितुण्डपर , जैसे मृगराज है || 3 ||

तेजतम अंसपर , कन्हजिमि कंसपर |
तो म्लेंच्छ बंसपर , शेर सिवराज है || 4 ||

साजि चतुरंग बीररंगमें तुरंग चढी ,
सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है |
भूषन भनत नाद बिहद नगारन के ,
नदी नद मद गैबरनके रलत है ||

भूपन भनत भाग्यो कासीपति विश्वनाथ ,
और कौन गिनतीमें भूली गति भब की |
चारों वर्ण धर्म छोडि कलमा निवाज पढ़ी ,
सिवाजी न होतो तो सुनति होत सब की ||

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